महिलाओं के लिए कोई सफर आसान नहीं होता। फिर वो जिंदगी का हो या रेलगाड़ी का। और यही कारण है कि इस सफर को आसान बनने के लिए सरकार और संबंधित प्रशासन नियम कानून और अन्य जतन करते हैं, क्योंकि ये उनकी जिम्मेदारी है। महिलाओं को सुरक्षित, सुविधाजनक और सम्मानपूर्वक जीवन जीने और कहीं भी यात्रा करने की पूरी आजादी है। इसलिए भारतीय रेल, जिससे देश में सबसे ज्यादा लोग यात्रा करते हैं, महिलाओं को विशेष सुविधा देती है।
अगर आप महिला हैं और भारतीय रेस से यात्रा करती हैं, तो अपने आप को मिले विशेष सुविधाओं की जानकारी जरूर रखें। क्योंकि इसकी जानकारी ही आपके सुखद, सफल और आनंदमय यात्रा का रास्ता है। अव्वल तो ये जान ले कि आपकी यात्रा के दौरान किसी भी तरह की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी रेल प्रशासन की है।
लोअर बर्थ का कोटा
महिलाओं को प्रेग्नेंसी और अन्य दिक्कतों के चलते ऊपर की सीटों पर चढ़ने में दिक्कत हो सकती है, इसलिए स्लीपर क्लास के हर कोच में छह से सात लोअर बर्थ का कोटा महिलाओं के लिए आरक्षित रखा जाता है। इसके अलावा वातानुकूलित 3 टियर (3एसी) में प्रत्येक कोच में चार से पांच निचली बर्थ और वातानुकूलित 2 टियर (2एसी) क्लास में प्रति कोच तीन से चार निचली बर्थ का कोटा मिलता है। ये ऐसा कोटा है जो गर्भवती महिलाओं, सीनियर सिटीजनों, 45 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिला यात्रियों के लिए तय किया गया है।
अनारक्षित श्रेणी में भी ज्यादातर ट्रेनों में महिलाओं के लिए अलग से एक बोगी या डिब्बा होता है। इसमें सिर्फ महिला यात्री ही बैठ सकती हैं। ये आमतौर पर इंजन के पीछे ही होता है। अगर आप किसी परिस्थिति के चलते सीट रिजर्वेशन नहीं करवा पाई हैं, तो आप इस बोगी में आसानी से सफर कर सकती हैं। ये सेफ और अन्य अनारक्षित डिब्बों के मुकाबले कम भीड़ का सामना करना पड़ता है।
महिलाओं के लिए कोटा
हर ट्रेन के आरक्षित कोच में महिलाओं के लिए कोटा होता है। अगर आप इस कोटे के तहत टिकट बुक करती हैं, तो आपको महिलाओं के साथ ही बर्थ मिलेगा। यानी आपके आस–पास की सभी 6 बर्थ पर महिलाएं ही होंगी। इसमें पुरुष यात्रियों को सीट नहीं मिलती। इससे महिलाओं की यात्रा आसान हो जाती है। अगर आप सिंगल ही ट्रेन में सफर कर रही हैं।
हर रेलवे स्टेशन पर महिलाओं के लिए अलग से वॉशरूम की सुविधा भी उपलब्ध होती है। कई स्टेशनों पर अलग से वेटिंग रूम भी आपको देखने को मिल जाएंगे। ये सब महिलाओं की सहुलियत के लिए बनाए गए हैं। इसकी देख–रेख की जिम्मेदारी भी रेल प्रशासन की ही होती है।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी रेल प्रशासन सतर्क है, और इसके लिए महिला सुरक्षाबलों की तैनाती से लेकर मेरी सहेली ऐप तक लॉन्च की गई है। महिलाओं की शिकायत पर अब त्वरित कार्यवाही भी होती है।
किसी भी स्टेशन पर उतरने के लिए मजबूर नहीं
सबसे जरूरी सुविधा जो रेलवे ने महिलाओं को दी है, वो यात्रा करने से ही जुड़ी है। अगर आप किसी जल्दबाजी, इमरजेंसी या किसी भी अन्य कारण से टिकट नहीं खरीद पाई हैं, तो टीटी आपको ट्रेन से नीचे नहीं उतार सकता। आसान भाषा में समझें तो किसी प्रतिकूल परिस्थिति में अगर आप बिना टिकट यात्रा कर रही हैं, तो टीटी आपको किसी भी स्टेशन पर उतरने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। अगर ऐसा होता है, तो आपको सही सलामत आपके गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी रेल प्रशासन की ही होगी।
अगर ट्रेन में किसी महिला को कोई समस्या है, या उसके साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होती है, तो आप आरपीएफ की तत्काल मदद ले सकती हैं। इसके लिए ट्रेन में ही आरपीएफ मौजूद होती है। आप फोन कॉल के जरिए या सोशल मीडिया के जरिए भी मदद की गुहार लगा सकती हैं।
आपके सुखद, सफल और सेफ यात्रा की पूरी जिम्मेदारी रेल प्रशासन की है और इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेल ने महिला यात्रियों के लिए अलग से सुविधाएं मुहैया करवाई हैं। आप जब भी अपनी यात्रा का प्लान बनाएं, इन खास सुविधाओं को जरूर अपने ध्यान में रखें।