Congress की ‘नारी न्याय गारंटी’ क्या है और इससे किसका भला होगा?

लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही समय बचा है। ऐसे में सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों के नाम तय करने के साथ ही अपने वोटरों को लुभाने की जुगत में भी लग गई हैं। जनता से नए वादे किए जा रहे हैं, तो वहीं पुरानी नीतियों को भी कुरेदा जा रहा है। इस चुनाव में आदी आबादी को लुभाने के लिए भी कई कोशिशें जारी हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस बार महिलाओं के लिए नारी न्याय गारंटीकी बात सामने रखी है। ये गारंटी कांग्रेस की ओर से बड़ा दांव माना जा रहा है।

आपको बता दें कि इस गारंटी के तहत कांग्रेस पार्टी देश में महिलाओं के लिए नया एजेंडा तय करने जा रही है। इस एजेंडे में पार्टी गरीब महिलाओं, आशा, आंगनबाड़ी, मीड डे मील वर्कर्स के साथ ही कामकाजी महिलाओं को लेकर योजना बनाने की बात कर रही है। इसके अलावा गांवों की महिलाओं में कानून जागरूकता को लेकर महिला मैत्री की नियुक्ति भी बात कही गई है।

Time poverty is making Indian women lose more money than ever

नारी गारंटी को लेकर कांग्रेस का ऐलान

कांग्रेस महालक्ष्मी योजना के तहत गरीब परिवार में एक महिला को सालाना 1 लाख रुपए देने की बात कर रही है। इसे पार्टी गरीब परिवार की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने का दावा कर रही है।

दूसरी घोषणा आधी आबादी, पूरा हक को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि इसके तहत सत्ता में आने पर कांग्रेस की तरफ से केंद्र सरकार में सभी नई भर्तियों में आधा हिस्सा महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा।

शक्ति का सम्मान नीति के तहत कांग्रेस अपनी योजना में आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ ही मिड डे मील बनाने वाली महिलाओं को विशेष रूप से केंद्रीत कर रही है। शक्ति का सम्मान के तहत आशा, आंगनबाड़ी और मिडडे मील बनाने वाली महिलाओं के मासिक वेतन में केंद्र सरकार का योगदान दोगुना किया जाएगा।

ASHA and Anganwadi Workers Are the Backbones of India's Rural Health and  Care Services – The Leaflet

पंचायतों में अधिकार मैत्री की नियुक्ति

कांग्रेस ने अधिकार मैती का भी ऐलान किया है इसके तहत सभी पंचायत में एक अधिकार मैत्री नियुक्त करेंगे। ये मैत्री गांव की महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देने और इन अधिकारों को लागू करने में मदद करने का काम करेंगी। इससे गांवों में महिलाओं में अपने कानून अधिकार के प्रति जागरूकता फैलेगी।

कामकाजी महिलाओं को फोकस में रखते हुए कांग्रेस ने सावित्री बाई फुले हॉस्टल सुविधा की घोषणा की है। देश में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल की संख्या दोगुनी करने और प्रत्येक जिले में कम से कम एक हॉस्टल बनाने की बात कही है। फिलहाल महिलाओं का घर से बाहर रहना एक बड़ी समस्या है, जिस ओर ध्यान देने की बहुत जरूरत है।

गौरतलब है कि महिलाएं देश में एक बड़ा वोट बैंक हैं और सभी पार्टियां इन्हें अपने पाले में करने की पूरी कोशिश में लगी हुई हैं। कांग्रेस का कहना है कि देश के लगभग 90 प्रतिशत लोगों को हर दिन न्याय का सामना करना पड़ता है, इसलिए उन्होंने अपने हर विजन के आगे न्याय जोड़ने की कोशिश की है। महिलाओं को पूरा न्याय मिले, यही नारी न्याय गारंटी का मकसद है।

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