टीवी की वो दमदार बहुएं, जिन्होंने रोने के साथ ही लड़ना भी सिखाया

साक्षी तंवर

'कहानी घर-घर की' फेम साक्षी तंवर ने पार्वती ओम अग्रवाल के किरदार में एक सशक्त महिला का रूप दिखाया।

स्मृति ईरानी

'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' की तुलसी कभी दर्शकों को रुलाया तो कभी अकेले ही सबसे लड़ती नज़र आई।

हिना खान

'ये रिश्ता क्या कहलाता है' में हिना ने अपने लंबे सफर में घर से लेकर बिज़नेस सब बखूबी संभाला।

रूपाली गांगुली

'अनुपमा' में रूपाली ने औरतों को परिवार के साथ ही खुद के लिए जीने और लड़ने का जज्बा भी सिखाया है।

दिशा परमार

'बड़े अच्छे लगते हैं' फेम दिशा ने प्रिया बनकर कई मुश्किलों का सामना करने के साथ ही अपनी पहचान कायम रखी।

मोना सिंह

सोनी के 'क्या हुआ तेरा वादा' सीरियल में मोना हमेशा अपने लिए अपने उसूलों के लिए लड़ती नजर आईं।

आयशा सिंह

'गुम हैं किसी के प्यार में' की सई जितनी इमोशनल थी उनती ही अपने लिए लड़ने और गलत नहीं सुनने वाली भी थी।

श्रीति झा

'कुमकुम भाग्य' में सबकी फेवरेट रहीं श्रीति एक बहु के साथ ही एक बेटी का सशक्त किरदार भी दिखाती हैं।