सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी 26 हफ्ते की गर्भवती महिला को अबॉर्शन की अनुमति

बीते कुछ दिनों से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा 26सप्ताह की गर्भवती महिला का मामला पूरे देश के लिए सुर्खियां बन गया था। सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में खुद अपने ही फैसले पर पुनर्विचार किया और अब डॉक्टर्स की सलाह के बाद बच्चे को इस दुनिया में आने की अनुमति दे दी। बता दें…

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abortion

अबॉर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट अपने ही एक फैसले पर पुनर्विचार क्यों कर रहा है?

बीते नौ अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक 27 वर्षीय 26 सप्ताह की गर्भवती विवाहित महिला को उसकी गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दे दी थी। अब अदालत अपने इस फैसले पर पुनर्विचार कर रहा है। इस गर्भवती महिला ने इसी महीने अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा ये कहते हुए खटखटाया कि उन्हें…

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नवरात्रि 2023 : देवियों को पूजने वाले भारत में महिलाओं की स्थिति

शारदीय नवरात्रि इस साल 15 अक्टूबर से देशभर में मनाई जाएगी। नवरात्रि के हर दिन एक देवी की पूजा होती है। और आखिरी नौवें दिन छोटी कन्याओं को देवी मान कर उन्हें भोग लगाकर, भेंट देकर इस पूजा को संपन्न माना जाता है। नवरात्रि हिंदू धर्म में पवित्र देवियों की उपासना का त्योहार है। जो…

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Nargis Mohammadi

कौन हैं नरगिस मोहम्मदी, जिन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है?

नरगिस मोहम्मदी का नाम बीते कई दिनों से आप जरूर सुन रहे होंगे। आप में से कुछ लोग शायद उनके काम से भी वाकिफ होंगे। लेकिन शायद कम ही लोगों को पता हो कि नरगिस इस वक्त ईरान के जेल में कैद है। और इसकी बड़ी वजह उनका महिला और मानवाधिकारों के लिए 30 सालों…

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महिलाओं का फेमिनिस्ट होना ‘बुरा’ क्यों माना जाता है?

अक्सर आप सुनते ही होंगे कि ये फेमेनिस्ट जहां देखो अपना झंडा लेकर चल देती हैं। घर तोड़ना, महिलाओं को भड़काना और उन्हें बहकाना इनका काम है। ताने कई बार ऐसे भी मिलते हैं कि औरतों को काम से बचना हो तो फेमिनिज्म का हथियार मिल जाता है। इन्हें ऐसे तो फेमिनिज्म सुझता है, लेकिन…

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प्यार की कीमत अक्सर लड़कियों को ही क्यों चुकानी पड़ती है?

आप अगर रोज खबरों का हाल रखते हैं, तो आपको यकीनन पता ही होगा कि अक्सर सुर्खियों में प्यार में सताई, मारी या शोषण का शिकार लड़कियों के समाचार होते हैं। ये सिर्फ मुंबई की श्रद्धा वाकर, हैदराबाद की कृतिका या झारखंड के राबिका पहाड़िन की कहानी नहीं है, ये देश की हजारों लड़कियों का…

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औरतों के ‘घर के काम’ को मुफ्त क्यों समझा जाता है, इसका हिसाब कौन देगा?

“जिस दिन औरतें अपने श्रम का हिसाब मांगेंगी, उस दिन मानव इतिहास की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी चोरी पकड़ी जाएगी।” रोजा लक्जमबर्ग की ये पंक्तियां हमारे समाज की एक गंभीर सच्चाई को उज़ागर करती हैं, जहां महिलाओं के घरेलू श्रम को एकदम से नकार दिया जाता है। पूरा दिन घर के कामों में लगे…

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घरेलू हिंसा : सिर्फ मारपीट ही नहीं, मेंटल टार्चर भी है अपराध

घरेलू हिंसा (Domestic Violence) सिर्फ घरेलू मामला नहीं है। ये समझने के लिए अभी भी हम भारतीय महिलाएं बहुत पीछे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि बचपन से लड़कियों की तरबीयत ही ऐसे की जाती है कि इसमें शिकवे–शिकायत की कोई जगह ही नहीं होती। लड़कियों को केवल सहना और चुप–चाप रहना सिखाया जाता…

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हमेशा बहुओं से ही उम्मीद क्यों की जाती है, कभी ससुराल वाले भी तो बदलें

हम अक्सर सुनते हैं कि बहुओं को ऐसे रहना चाहिए, ये पहनना चाहिए, ऐसा बर्ताव करना चाहिए। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी ससुराल वाले ने कहा हो कि अब बहु आ रही है, तो हमें थोड़ा उसके लिए बदलना चाहिए, उसके लिए चीज़े आसान करनी चाहिए। शायद नहीं, क्योंंकि ये सोच हमारे…

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लड़कियां प्यार चाहती हैं, लेकिन आज़ादी और आत्म-सम्मान की क़ीमत पर नहीं!

हम अक्सर सुनते हैं प्यार और जंग में सब जायज़ है, लेकिन ये सब किस हद तक जायज़ है ये कोई नहीं बताता। क्योंकि हमारे समाज में जायज़ की लोगों ने अपने-अपने हिसाब से परिभाषा बना रखी है। कोई कहता है अरे यार प्यार है और साथ रहना है, तो इतना तो एडजस्ट करना ही…

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