नवरात्रि में अब महज़ कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में लोगों ने मां का दरबार लगाने के साथ ही व्रत और त्योहार की शॉपिंग भी शुरू कर दी है। क्योंकि इस साल शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से देशभर में मनाई जाएगी। ये हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसका उत्सव नौ दिन चलता है। इस दौरान भक्तजन माता शक्ति के 9 स्वरूपों की पूजा करते हैं। वहीं की लोग माता को प्रसन्न करने और अपनी मंगल कामना के लिए 9 दिनों का व्रत भी रखते हैं। इस व्रत के कई फायदे हैं और इसलिए इसमें साफ–सफाई और खान–पान पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
नवरात्रि के नौ दिन कई घरों में प्याज, लहसुन का इस्तेमाल वर्जित होता है। साथ ही व्रत रखने वाले केवल सात्विक और फलाहारी भोजन ही ग्रहण करते हैं। ऐसे में कई लोग साबूदाने के आहार को भी खाते हैं। जिसे लेकर उनके मन में कई सवाल होते हैं। इस लेख में आप साबूदाने की रेसिपी और फायदे के बारे में विस्तार से जानेंगे।
सबसे पहले समझते हैं कि साबूदाना होता क्या है। क्योंकि कई लोगों के मन में इसे व्रत में खाने को लेकर सवाल भी होते हैं। जानकारी के मुताबिक साबूदाना पाम सागो के तने में पाए जाने वाले टैपिओका रूट से बनता है, इसे कई लोग कसावा नाम से भी जानते हैं। इसको काटकर बड़े–बड़े बर्तनों में पानी भरकर लंबे समय तक रखा जाता है और इसका पानी हर रोज बदला जाता है। फिर इसी गूदे से साबूदाना बनाया जाता है। इसके सूखने के बाद इसमें स्टार्च के पाउडर से पॉलिश किया जाता है जिससे इसमें शाइन आती है। और फिर ये बाजार में बिकने के लिए तैयार होता है।
साबूदाने के व्यंजन
अब साबूदाने को व्रत में इसलिए भी खाया जाता है क्योंकि इसमें स्टार्च और कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो आपके शरीर को पूरा दिन ऊर्जा देता है। इसके साथ ही ये आपके पेट को ज्यादा समय तक भरा रखता है जिससे आपको जल्दी भूख नहीं लगती है। इससे कई स्वादिष्ट व्यंजन बनते हैं जो व्रत के दौरान खाएं जाते है या ऐसे भी आप उनका सेवन कर सकते हैं।
व्रत के दौरान आप मेदू वड़े की तर्ज पर आसान तरीके से साबूदाना वड़ा बना सकते हैं। इसके लिए आपको उबले आलू के साथ भिगोए हुए साबूदाने को मिलाकर इसमें सेंधा नमक, बारीक कटी हुई हरी मिर्च, अदरक का पेस्ट, दरदरी कुटी काली मिर्च, बारीक कटा हरा धनिया और दरदरी कुटी हुई मूंगफली डाल कर सभी चीजों को अच्छी तरह मिला लीजिये। अब बस वड़े बनाने के लिए मिश्रण तैयार है इसे गोलाई का आकार देते हुए तेल में तल लें। तैयार है आपका साबूदाना वड़ा।
चावल की खीर के जैसे ही आप आसानी से साबूदाने की खीर भी बना सकती हैं। इसके लिए आपको साबूदाने को दूध में डालकर पकाना होगा और फिर इसमें शक्कर और ड्राई फ्रूट्स डाल कर अच्छे से मिला लें। साबूदाने की खीर बनाने में जितनी आसान है, ये खाने में उतनी ही हल्की होती है।
व्रत के दौरान या ऐसे भी लोग खाने में साबूदाना खिचड़ी खूब पसंद करते हैं। इसे बनाने में समय भी बहुत कम लगता है। इसके लिए आपको रात भर भीगे हुए साबूदाने, उबले आलू, मूंगफली के दरदरे कुटे दाने, सेंधा नमक, बारीक कटी हुई हरी मिर्च, अदरक का पेस्ट, दरदरी कुटी काली मिर्च और बारीक कटा हरा धनिया चाहिए। कढ़ाई में घी डालकर बाकी सभी चीज़ों को मिला दें और अब तैयार है आपकी खिचड़ी।
साबूदाने के फायदे
अब इस रेसिपी के बाद इस साबूदाने के फायदे भी जान लेते हैं। साबूदाना में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए ये खून की कमी को पूरा करने के साथ ही ब्लड सर्कुलेशन में भी मदद करता है। इसमें मौजूद पोटैशियम के खून जमने की जोखिम को कम करता है, जो हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
साबूदाना शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर से पेट की समस्याएं भी दूर रहती हैं। इसके अलावा साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी अच्छी मात्रा होती है, जो वजन बढ़ाने में सहायक होती है।
नोट: लेख में बताई गईं बातें ज्ञान के उद्देश्य से हैं। किसी भी समस्या के लिए पहले डॉक्टर से संपर्क करें।