अर्थराइटिस की शिकार महिलाएं ज्यादा क्यों होती हैं?

आजकल की भाग दौड़ वाली जीवन शैली में भला अपने लिए समय ही कहां है किसी के पास। और बात अगर महिलाओं की हो, तो ये समस्या और जटिल हो जाती है। ऐसे में महिलाएं अक्सर कई बीमारियों की चपेट में पुरुषों के मुकाबले जल्दी आ जाती हैं। ऐसी ही एक बीमारी है अर्थराइटिस, जिसे आम भाषा में गठिया भी कहा जाता है। ये एक ऐसी समस्या है जिससे बहुत से लोग परेशान हैं।

हालांकि आपको ये जानकर और हैरानी होगी की, कि कई हेल्थ सर्व में ये पाया गया है कि गठिया की समस्या पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को परेशान करती है। अक्सर एक उम्र के बाद महिलाएं जोड़ों के दर्द की शिकायत करती हैं। लेकिन अब ये उम्र भी घटती जा रही है। यानी आजकल की लाइफ स्टाइल में बेहद कम उम्र की महिलाएं भी इस बीमारी के चपेट में आ जा रही हैं।

हार्मोन का असंतुलन

साइंस के अनुसार महिलाओं के शरीर में होने वाली किसी भी तरह की समस्या के लिए हार्मोन का असंतुलन जिम्मेदार होता है। ऐसे ही गठिया में महिलाओं के शरीर में बनने वाला एस्ट्रोजन हार्मोन सूजन को कम करने में मदद करता है। वहीं एक उम्र के बाद इस हार्मोन के बनने की दर कम हो जाती है। जिससे अर्थराइटिस की समस्या बढ़ जाती है।

डॉक्टरों की मानें तो महिलाओं को अपनी सेहत पर ध्यान देने का समय नहीं मिलता। वे अपनी जिम्मेदारियों में इतनी व्यस्त होती हैं कि वो न व्यायाम कर पाती हैं और नाही सैर पर जा पाती हैं। और यही कारण है कि उनका वजन बढ़ जाता है। जिसके चलते अर्थराइटिस का खतरा बन जाता है। ससे उनके जोड़ों पर भी अधिक दबाव पड़ता है।

कई जानकारों के अनुसार कई हेल्थ रिसर्च में ये बात साबित हुहै कि औरतों पुरुषों के मुकाबले ऑटोइम्यून बीमारियों की गिरफ्त में ज्यादा आ जाती हैक्योंकि उनका इम्यूनिटी सिस्टम अधिक प्रतिक्रियाशील होता है। आगे चलकर यही इम्यून सिस्टम का ज्यादा रिएक्टिव होना आर्थराइटिस या गठिया जैसी समस्या का कारण बन जाता है। इसमें मरीज़ के घुटनों, पीठ, कलाई, गर्दन के जोड़ों और एड़ियों में दर्द रहता है।

बीमारी को नज़रअंदाज़ न करें

आमतौर पर महिलाएं शुरुआती स्टेज में इस बीमारी को नज़रअंदाज़ कर देती हैं। लेकिन आगे चलकर इसमें असहनीय दर्द होता है, जो किसी को भी ऑपरेशन पर मजबूर कर सकता है। घर के कामों में व्यस्तता के कारण अक्सर महिलाएं धूप में बैठने का समय नहीं निकाल पातीं। जबकि जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है। इसलिए समयसमय पर धूप लेते रहें और अपनी डाइट में विटामिन डी युक्त आहार भी शामिल करें।

आज का खानपान भी इस बीमारी का एक महत्वपूर्ण कारण है। वसा खाना, बाहर की अनहेल्दी डाइट इस तरह का खाना आपकी हड्डियों का जल्दी कमज़ोर कर देता है। जोड़ों को मजबूती प्रदान करने के लिए विटामिन डी युक्त आहार जैसेसंतरा, पालक, डेयरी उत्पाद, बंदगोभी, सूखे मेवे इत्यादि को अपने डेली डाइट चार्ट में जरूर शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही चाय, कॉफी जैसी चीज़ों से भी बढ़ती उम्र में दूरी बना ही लेनी चाहिए।

मीठा कई बीमारियों की जड़ होता है। इसलिए अक्सर डॉक्टर मीठा कम खाने की सलाह देते हैं। एडेड शुगर वाली चीजें तो जरूर ही इग्नोर करन चाहिए। कैंडी, आइसक्रीम, बारबेक्यू सॉस, प्रोसेस्ड फूड, ग्लूटेन फूड, अल्कोहल जैसे प्रोडक्ट्स का सेवन करने के लिए मना किया जाता है। क्योंकि ऐसी चीज़े और बीमारियों को दावत देने के साथ ही गठिया को भी बढ़ावा देते हैं।

कई हैल्थ एक्सपर्ट्स ऐसी सलाह भी देते हैं कि गठिया के मरीजों को शाकाहारी खाने को ही अपना दोस्त मान लेना चाहिए। क्योंकि शाकाहारी खाना कई बीमारियों से आपको दूर रखने के अलावा आपके लिए इम्यून बूस्टर का काम भी करता है। गठिया जैसी बीमारी को कभी भी हल्के में लेने की गलती न करें। इसके लिए अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

नोट: ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है। कृपया किसी भी समस्या के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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