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स्मृति ईरानी की जगह महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नापूर्णा देवी कौन हैं?

अन्नापूर्णा देवी और स्मृति ईरानी. (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: झारखंड (Jharkhand) की कोडरमा लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार जीत कर संसद पहुंची अन्नपूर्णा देवी (Annapurna Devi) को मोदी कैबिनेट में महिला एंव बाल विकास मंत्रालय (women and child development ministry) का कार्यभार सौंपा गया है. वो नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के तीसरे कार्यकाल में पिछली चर्चित मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) की जगह लेंगी.

मालूम हो कि स्मृति ईरानी इस बार अमेठी (Amethi) लोकसभा सीट हार गई हैं. जिसके बाद उन्हें कैबिनेट से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. वहीं 2019 की तरह 2024 में भी अन्नपूर्णा देवी को कैबिनेट में शामिल किया गया है, लेकिन इस बार उनका प्रमोशन भी किया गया है. उन्हें बेहद अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

ज्ञात हो कि अन्नपूर्णा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) यानी ओबीसी कैटेगरी से आती हैं. 2019 में उन्हें मानव संसाधन मंत्रालय में राज्य मंत्री की दर्जा मिला था. तब उन्होंने कोडरमा सीट पर बाबूलाल मरांडी को मात दी थी. इस बार अन्नापूर्णा देवी के सामने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी विनोद सिंह चुनावी मैदान में थे. जिन्हें अन्नापूर्णा देवी ने 3 लाख 77 हजार 14 वोटों के भारी अंतर से हराया है.

अन्नपूर्णा देवी राजनीति में अपने पति रमेश यादव की मौत के बाद सक्रीय हुईं

गौरतलब है कि अन्नपूर्णा देवी राजनीति में अपने पति रमेश यादव की मौत के बाद सक्रीय हुईं. उनका शुरुआती नाता राष्ट्रीय जनता दल के साथ था. वह 1998 से 2009 तक लगातार विधायक रहीं. 2014 में उन्होंने बीजेपी की नीरा यादव ने विधानसभा चुनाव में मात दी थी.वो राजद की झारखंड की प्रदेश अध्यक्ष भी रही थीं.

हालांकि, उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. 2019 में ही बेजेपी ने उन्हें कोडरमा सीट से प्रत्याशी बनाया था. तब उन्होंने बीजेपी को इस सीट पर जीत दिलाई थी.

स्मृति ईरानी किशोरी लाल शर्मा से एक लाख 66 हज़ार से ज़्यादा मतों से चुनाव हार गईं

बात करें स्मृति ईरानी की, तो वो इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा से एक लाख 66 हज़ार से ज़्यादा मतों से चुनाव हार गईं. हालांकि स्मृति इरानी ने 2019 में कांग्रेस के इसी गढ़ में राहुल गांधी को हराया था. लेकिन राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस बार अमेठी की जनता में मोदी सरकार में मंत्री स्मृति इरानी को लेकर ख़ासी नाराज़गी भी थी. जिसके चलते उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

हालांकि स्मृति इरानी ने हार के बाद सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा कि उनका जोश अभी भी ‘हाई’ है.

उन्होंने कहा, ‘यही जीवन है. मैं एक दशक तक एक गांव से दूसरे गांव तक जाती रही, लोगों के जीवन और उम्मीदों को संवारती रही. सड़क, नाली, खड़ंजा, बायपास और मेडिकल कॉलेज सहित दूसरी चीज़ें बनवाईं. जो लोग जीत और हार में मेरे साथ खड़े रहे, उनकी मैं हमेशा आभारी रहूंगी.’

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