Dwarka Expressway: क्यों खास है ये 8-लेन वाला हाईवे, जानिए इसकी पूरी कहानी!

इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना कहे जाने वाले देश के पहले 8-लेन हाईवे का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया। इस हाईवे को सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जाता है। यह देश पहला एक्सप्रेसवे है जो सिंगल पिलर पर आठ लेन का है।

आपको बता दें कि इस हाईवे का कुछ हिस्सा इंजीनियरिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी एलएंडटी ने बनाया है। हालांकि इसे लेकर विवाद भी खूब हुआ था। मार्च 2021 के आखिर में द्वारका एक्सप्रेसवे के एलिवेटेड पोर्शन का एक हिस्सा ढह गया था। जिसके चलते तीन मजदूर घायल हो गए थे। तब एनएचएआई ने कंपनी के कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था और मामले की जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई थी।

मालूम हो कि इस एक्सप्रेसवे को दिल्लीएनसीआर के ट्रैफिक नियंत्रण के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। इसके शुरू होते ही 20 मिनट में हरियाणा के मानेसर से दिल्ली के द्वारका तक सफर तय किया जा सकता है। फिलहाल यह दूरी तय करने में एक घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगता है।

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इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना

खबरों की मानें तो, इस एक्सप्रेसवे को बनाने में 2 लाख टन स्टील का खर्च किया गया है। यह एफिल टावर को बनाने में लगे स्टील से भी 30 गुना ज्यादा है। यानी इस एक्सप्रेस वे की मजबूती का खास ख्याल रखा गया है। इसके अलावा कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इसे बनाने में 20 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है, जो बुर्ज खलीफा से 6 गुना ज्यादा है

लोक सभा चुनाव में अब महज़ कुछ ही दिनों का समय बचा है, ऐसे में पीएम मोदी ने दिल्ली हरियाणा और जयपुर की जनता को एक साथ इस एक्सप्रेसवे की सौगात दी है। इसकी लंबाई कुल 29.5 किलोमीटर बताई जा रही है। जिसमें 19 किलोमीटर का हिस्सा गुरुग्राम से होकर गुजरता है। ये हाईवे दिल्ली जयपुर को जोड़ता है। फिलहाल ये प्रोजेक्ट अपने अंतिम पायदान पर है, जहां एनएचएआई के अधिकारी सुधार और सौंदर्यीकरण के कार्यों में जुटे हैं। दिल्ली में करीब नौ किलोमीटर पैच का काम जून माह तक पूरा होने की संभावना है।

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चार हिस्सों में विभाजित

गौरतलब है कि इस एक्सप्रेसवे को चार हिस्सों में विभाजित किया गया है। इसमें पहला हिस्सा महिपालपुर के पास शिव मूर्ति से द्वारका तक जोड़ता है। दूसरा द्वारका अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर) से बजघेरा तक जोड़ता है। तीसरा हिस्सा बजघेरा से बसई रेल ओवरब्रिज (दिल्लीहरियाणा बॉर्डर) है। चौथा हिस्सा बसई आरओबी से खेड़की दौला तक है। इसमें गुरुग्राम में पड़ने वाले राजमार्ग के हिस्से में क्लोवरलीफ इंटरचेंज शामिल है, यह दिल्लीगुरुग्राम एक्सप्रेस वे (एनएच -48) और खेड़की दौला के पास दक्षिणी पेरिफेरल रोड (एसपीआर) को जोड़ेगा।

इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से गुरुग्राम और दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी। साथ ही इस परियोजना में सड़क परिवहन की चार श्रेणी जोकि टनल, अंडरपास, फ्लाईओवर तथा फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर होंगे।

इस एक्सप्रेसवे से जाम की समस्या से भी लोगों को निजात मिलेगी। दिल्लीजयपुर हाईवे पर वाहनों का दबाव कम होगा। अभी वाहनों के दबाव के कारण सरहौल बॉर्डर समेत खेड़कीदौला तक कई जगहों पर लोगों को रोजाना जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। कुल मिलाकर ये प्रोजेक्ट एक साथ दो राज्यों और दिल्ली की समस्या को बहुत हद तक कम करने में सफल साबित होगा।

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