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जिग्ना वोरा : फ्रंट पेज बाईलाइन से बाइकुला जेल और अब बिग बॉस का घर

jigna vora

क्राइम रिपोर्टर जिग्ना वोरा इस साल तब सुर्खियों में वापस लौटीं, जब उनकी किताब “Behind Bars In Byculla” पर हंसल मेहता की सीरीज स्कूपलोगों के सामने आई। इस सीरीज के बाद लोगों में जिग्ना को लेकर एक अलग ही क्रेज देखने को मिला, जो शायद अब उन्हें सलमान खान के शो बिग बॉस 17 के घर तक भी ले आया है।

जी हां, जिग्ना इस साल बिग बॉस-17 में एक कंटेस्टेंट के तौर पर हिस्सा ले रही हैं। उनके नाम का खुलासा कलर्स चैनल द्वारा शेयर किए गए एक प्रोमो वीडियो में देखने को मिला है। हालांकि जिग्ना के इस शो में होने की खबरें बहुत पहले से ही मीडिया में आ गई थीं। और अब लोग उन्हें स्किन पर देखने का इंतज़ार कर रहे हैं।

इस लेख में हम जिग्ना की जिंदगी के बारे में एक छोटा रिकैप देखेंगे, जो एक महिला और पत्रकार के तौर पर जिग्ना के संघर्ष की कहानी है। आप में से बहुत से लोग स्कूप के जरिए जिग्ना को पहले ही जान चुके होंगे। लेकिन जिग्ना का वास्तविक संघर्ष इस कहानी से काफी कठिन था।

जिग्ना की जिंदगी स्कूप

असल में जिग्ना का इम्तिहान क्राइम रिपोर्टिंग से बहुत पहले ही शुरू हो जाता है। कई खबरों की मानें, तो जिग्ना एक एब्यूजीव मैरिज में थीं, जिसे पीछे छोड़कर वो बंबई एक नई पहचान बनाने आईं थी। उनके साथ उनका एक बेटा भी था। जिसे आप स्कूप में भी देख सकते हैं। जिग्ना को मुंबई में सबकुछ मिला। उन्होंने अपनी मेहनत से अपने काम में अपना नाम बनाया। जल्द ही वो टॉप की क्राइम रिपोर्टर बन गईं। उन्होंने फ्री प्रेस जर्नल, मिड डे, मुंबई मिरर और एशियन एज के लिए काम किया।

अपने काम के दौरान ही जिग्ना के हत्याकांड में फंस गईं। उन पर मुंबई के ही एक और क्राइम इंवेस्टीगेटर एडिटर ज्योतिर्मय डे की हत्या में अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन का आरोप लग जाता है। बस फिर क्या जिग्ना की जिंदगी की रफ्तार रुक जाती है। वो फ्रंट पेज बाईलाइन से मुंबई के बाइकुला जेल तक पहुंच जाती हैं। जहां वो निर्दोष होने के बावजूद तमाम सजा झेलती हैं।

जेल के पूरे अनुभव पर किताब

उन्होंने अपने जेल के पूरे अनुभव पर ही किताब “Behind Bars In Byculla” लिखी है। ये किताब ही स्कूप सीरीज का आधार है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि उनका प्रोफेशन ही उनका दुश्मन बन बैठा। उनके अपने साथ करने वाले लोगों ने ही किस तरह उनका मीडिया ट्रायल शुरू कर दिया। जिग्ना को अदालत से इंसाफ मिलने में जितना समय लगा, उतने समय तक मीडिया उन्हें दोषी साबित करने पर तुली रही।

जिग्ना के तमाम इंटरव्यूज में आप इस दर्द को महसूस कर सकते हैं, कि उन्हें किस तरह लोगोंं ने पीछे धकेलने की कोशिश की। उन्हें बदनाम करने की कोशिश की। और ये सब महज़ कुछ दिनों की नई बल्कि कई सालों की बात है।

मुकदमे के बाद जिग्ना की जिंदगी और करियर पर ब्रेक

मीडिया में आई खबरों के अनुसार जिग्ना डे की हत्या के दौरान एशियन एज में कार्यरत थीं। उन पर पुलिस द्वारा छोटा राजन के साथ डे को मारने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। क्योंकि इस हत्या के कुछ हफ्ते पहले ही जिग्ना को छोटा राजन का इंटरव्यू फोन पर मिला था। जिग्ना ने इसके लिए काफी मेहनत की थी और ये इंटरव्यू उनके ऑफिस फोन पर ही उनके एटिर की मौजूदगी में हुआ था।

इस पूरे मामले में पुलिस का कहना था कि जिग्ना ने ही राजन को डे के ठिकाने की जानकारियां दी थी जिसके आधार पर राजन ने हमलावरों को भेजा था। इस मुकदमे में जिग्ना को छह साल जेल में रहना पड़ा था। जिसके चलते उनकी पूरी जिंदगी और करियर एक तरह से खत्म हो गया था। 2011 के इस मामले में जिग्ना को 2017 में अदालत से बरी कर दिया गया।

जेल में रहते ही उन्होंने कई अपनों को खो दिया

जेल से बाहर आने के बाद जिग्ना की पूरी जिंदगी बदल गई थी। उन्होंने अपने परिवार के कई सदस्यों को इस दौरान खो दिया। और अब तक उनका अपने और पत्रकारिता के प्रोफैशन पर से भी विश्वास उठ गया था। जिग्ना ने बरी होने के बाद कई अपने इंटरव्यू में इस दर्द को बयां भी किया है। उनका कहना है कि उन्हें मीडिया में फिर किसी ने जॉब ऑफर नहीं की। कई लोगों ने उनसे मुंह मोड़ लिया। और अब वो खुद भी इस प्रोफेशन से दूर हो गई हैं।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिग्ना अब पत्रकारिता छोड़कर वेब सीरीज और फिल्मों में लेख और शोधकार्य कर रही हैं। इसके अलावा वे हीलिंग प्रैक्टिस, टैरो कार्ड रीडिंग और ज्योतिष का भी ज्ञान रखती है, जो उनका मौजूदा प्रोफेशन है। अब इन तमाम मुश्किलों से गुजरने के बाद जिग्ना बिग बॉस के घर में क्या करती हैं, इसका इंतजार सभी को है।

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