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CAA लागू होने से सीमा हैदर इतनी खुश क्यों हैं?

नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA देशभर में लागू हो चुका है। इसके लिए सोमवार, 11 मार्च को गृह मंत्रालय द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया गया। इस कानून के लागू होने की खबर जैसे ही मीडिया में आई इसके पक्ष और विपक्ष में अलगअलग तर्क सामने आने लगे। CAA पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर टॉप ट्रेंड में शामिल हो गया, तो वहीं पाकिस्तान से भारत आईं सीमा हैदर भी इस खबर को लेकर सुर्खियों में आ गईं।

दरअसल, सीमा हैदर ने CAA लागू होने पर खुशी जताते हुए लड्डू तक बांट दिए। मोदी सरकार का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने आज हमारे देश में नागरिकता (संशोधन) कानून लागू कर दिया है। इससे वो बहुत खुश हैं और इसके लिए सरकार को बधाई देत हैं।

नागरिकता संबंधी बाधाएं

इस बीच सीमा हैदर का एक वीडियो संदेश भी वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं जीवन भर उनका ऋणी रहूंगी और उन्हें धन्यवाद देती रहूंगी। इस खुशी के मौके पर, मैं अपने भाई वकील एपी सिंह को उनके काम के लिए बधाई देती हूं क्योंकि अब इस कानून से मेरी नागरिकता संबंधी बाधाएं भी दूर हो जाएंगी।

ध्यान रहे कि सीमा हैदर एक पाकिस्तानी महिला है और भारत में गैरकानूनी रूप से बिना वीजा के अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर दाखिल हुईं थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2019 में ऑनलाइन गेम PUBG खेलते समय उन्हें ग्रेटर नोएडा के सचिन मीना से प्यार हो गया था। जिसके बाद वो अपने चार बच्चों के साथ पाकिस्तान से भारत आ गई थीं। वो जन्म से इस्लाम धर्मम को मानती थीं, लेकिन खबरों के मुताबिक सचिन से शादी कर उन्होंने हिंदू धर्म अपना लिया।

सीमा पाकिस्तान से प्रताड़ित अल्पसंख्यक नहीं 

हालांकि सीमा हैदर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर इतनी खुश क्यों हैं, इस पर विपक्ष की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी सवाल उठाए हैं। प्रियंका ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा कि आखिर सीमा किस बात का जश्न मना रही है? चूंकि न तो वह दिसंबर 2014 से पहले भारत आई है और न ही वह पाकिस्तान से प्रताड़ित अल्पसंख्यक है।

आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने से भले ही सीमा खुश हों लेकिन ये कानून फिलहाल उनके किसी काम का नहीं। क्योंकि नियमों के मुताबिक सीमा हैदर सीएए की प्रत्यक्ष लाभार्थी नहीं हो सकतीं। इस कानून में 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैरमुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है, जिसे सीमा का दूरदूर तक कोई नाता नहीं है।

अब सवाल उठता है कि सीएए के लागू होने से किसको लाभ है। तो इसका सीधा स्पष्ट जवाब है, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए प्रताड़ित गैरमुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को ही इसका लाभ मिलेगा। इसके तहत भारत सरकार उन्हें भारतीय नागरिकता देगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इन तीनों देशों में ये समुदाय अल्पसंख्यक हैं। हालांकि, ये फायदा भी केवल उन्हीं प्रवासियों/शरणार्थियों को मिलेगा जो 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ चुके हैं।

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