ग़ज़ल अलघ ने अपने ब्रांड का नाम मामाअर्थ ही क्यों रखा?

‘कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों’

कवि दुष्यंत कुमार की ये पंक्तियां मामाअर्थ (MamaEarth) की को-फाउंडर ग़ज़ल अलघ (Ghazal Alagh) पर बिल्कुल ठीक बैठती हैं. ये ब्रांड होनासा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अंतर्गत आता है और इसके दूसरे को-फाउंडर ग़ज़ल के ही पति वरुण अलघ हैं. दोनों की साल 2011 में लव मैरिज हुई थी और इनका एक बेटा अगस्त्य भी है, जो साल 2014 में पैदा हुआ था.

अगस्त्य की मम्मी की कहानी ही मामाअर्थ की कहानी है. दरअसल, खबरोंं की मानें तो अगस्त्य को एग्जमा नाम की एक स्कीन प्रॉबल्म है. इसमें स्कीन में जलन महसूस होने और उसे ड्राई होने जैसी समस्याएं आती हैं. जब ग़ज़ल और वरुण को इसके बारे में पता चला, तो उन्होंने अपने बच्चे के लिए ऐसे स्कीन प्रोडक्ट्स की खोज शुरू की, जो टॉक्सिन रहित हों.

ज्यादातर बेबी प्रोडक्ट्स टॉक्सिन से भरे होते हैं

दोनों को इसमें खासा परेशानी हुई क्योंकि देश में मिलने वाले ज्यादातर बेबी प्रोडक्ट्स टॉक्सिन से भरे होते हैं. उसमें तरह-तरह के कैमिकल मिले होते हैं, जो बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे में उन्होंने देश के बाहर अमेरिका से प्रोडक्ट मंगाना शुरू किया. लेकिन ये काम बहुत महंगा और थकाऊ था. बस फिर क्या इस आपदा को उन्होंने अवसर में बदला और मामाअर्थ की नींव रख दी.

मामाअर्थ को देश का पहला नॉन-टॉक्सिक बेबी केयर ब्रांड कहा जाता है. कंपनी का दावा है कि वह अपने प्रोडक्ट्स बनाने के लिए नैचुरल, प्लांट बेस्ड और सबसे बेहतर सिंथेटिक प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती है. बकौल मामाअर्थ, यह प्रोडक्ट्स सर्टिफाइड और कारगर हैं.

बिज़नेस चलाना एक लंबी यात्रा है

ग़ज़ल शार्क टैंक इंडिया के पहले सीजन में भी नज़र आईं थी. उनका मानना है कि बिज़नेस चलाना एक लंबी यात्रा है, कोई स्प्रिंट नहीं.

उनके अनुसार, ‘हर दिन 100% देने की कोशिश करना लॉन्ग टर्म में टिकाऊ नहीं होता. अगर हम हर दिन 80-85% प्रयास करें, तो हम ज़रूरी चीज़ों पर फोकस कर सकते हैं, छोटी लेकिन अहम बातों को समझ सकते हैं और बिना थके ज्यादा प्रोडक्टिव बन सकते हैं.’

ग़ज़ल ने बिजनेस की दुनिया में लड़कियोंं से जुड़ी मिथ्या को भी तोड़ा और एक सफल बिजनेस वुमेन बनीं. जो न सिर्फ घर बल्कि ऑफिस और बिजनेस भी बखूबी चला रही हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *