Viral Nari

PM Modi ने मैथिली ठाकुर को किया सम्मानित, कितना जानते हैं आप इस ‘राइजिंग स्टार’ को?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजधानी दिल्ली में नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड प्रदान किए। ये अवार्ड नेशनल क्रिएटर्स को दिए गए, जिन्हें आप जानेमाने सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के तौर पर भी जानते हैं। इसी कार्यक्रम में बिहार की बेटी के नाम से मशहूर मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड दिया। उन्हें कल्चरल एंबेसडर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला है। ये अवॉर्ड उन्हें लोकगीत के साथ ही कई भाषाओं में गानों की प्रस्तुति के लिए दिया गया है।

मैथिली ठाकुर बिहार के मधुबनी की रहने वाली हैं और महज़ 23 साल की उम्र में अपने गानों से करोड़ों लोगों का दिल जीत चुकी हैं। वो ज्यादातर लोकगीतों को गाती हैं, जो उन्हें मनोरंजन जगत में हाई रेटेड स्टार बनाता है। ये तो सभी लोगों को पता है कि मैथिली की जर्नी एक रिएलिटी शो से शुरू हुई थी। उन्होंने साल 2017 में आए रियलिटी शो राइजिंग स्टार इंडियामें अपनी परफॉर्मेंस से न सिर्फ दर्शकों और बल्की जजों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया था। पारंपरिक लोक गीतों की उनकी प्रस्तुति ने उन्हें सिंगिंग स्टार्स में एक अलग दर्जा दिया।

लोक गीतों के साथसाथ कई अन्य ट्रैक्स भी आजमाए

वैसे मैथिली एक संगीत बैकग्राउंड वाले परिवार से ही ताल्लुक रखती हैं, जो पूजापाठ और भजन गायकी में शुरू से सम्मिलित रहा है। खुद मैथिलि ने भी कई सारे भजन गाए हैं। मैथिली ने नगरी हो अयोध्या सी‘, ‘नवरात्रि के भजन‘, ‘हरी नाम नहीं तो जीना क्या‘, ‘पता नहीं किस रूप में आकर‘, ‘ये तो प्रेम की बात हैजैसे भजन गाए हैं। मैथिली ठाकुर ने पारंपरिक लोक गीतों के साथसाथ कई अन्य ट्रैक्स पर भी गाने गाए हैं। उनके कुछ हिट गानों में माई री माई‘, ‘रंगबतीऔर छठ पूजा गीतशामिल हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो मैथिली अपने यूट्यूब चैनल से लाखोंकरोड़ों की कमाई करती हैं। वो बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उस समय सुर्खियों में आईं थीं, जब उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को पूरी तरह बॉयकॉट कर दिया था। उन्होंने तब कहा था कि अब से वो कोई भी फिल्मी गाने नहीं गाएंगी। मैथिली तब से लेकर अब तक अपनी बात पर कायम हैं और फिल्मों के लिए कोई कमर्शियल गाना नहीं गातीं।

महिला दिवस पर सम्मानित

मैथिली को अक्सर अपने वीडियो ब्लाग्स में क्रिएटिव होते देखा जा सकता है। वो अपनी प्रतिभा से समाज को एक नई दिशा दिखाती नज़र आती हैं और यही कारण है कि उन्हें प्रधानमंत्री के हाथों महिला दिवस पर सम्मानित किया गया। मैथिली का जीवन वैसे कोई आसान नहीं रहा।

मैथिली खुद कई बार अपने इंटरव्यू में कहती नज़र आती हैं कि उनका बचपन आम बच्चों के बचपन की तरह बिल्कुल नहीं बीता। उन्हें संगीत को लेकर बेहद रियाज़ करना पड़ता है और वो इसमें पूरा डिसिप्लिन फॉलो भी करती हैं। मैथिली अक्सर अपने ब्लॉग्स के माध्यम से भी अपनी दिनचर्या साझा करती रहती हैं। मैथिली की जीवन निश्चित तौर से यंग जनरेशन के लिए एक प्रेरणा है।

इसे भी पढ़ें: IAS वंदना सिंह चौहान के खिलाफ सोशल मीडिया पर क्या ट्रेंड कर रहा है?

Exit mobile version