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शेफाली शाह : बैंकर के घर जन्मी, मेहनत और ईमानदारी से सिनेमा में बनाया नाम

शेफाली शाह को हाल ही में फिल्मफेयर के बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के अवार्ड से नवाजा गया है। शेफाली इस दौरान काफी खुश नजर आईं। उन्हें ये अवार्ड थ्री ऑफ असमें उनकी दमदार एक्टिंग के लिए दिया गया। पिछले कुछ सालों में शेफाली ने अपनी अदाकारी से सबका दिल जीत लिया है। उन्हें फिल्म दिल धड़कने दो‘, ‘डार्लिंग्सऔर लोकप्रिय नेटफ्लिक्स शो दिल्ली क्राइममें जबर्दस्त रोल के लिए बहुत सराहना भी मिली है

हालांकि इन सब के बीच शेफाली का सफर में कई दिक्कते भी आई हैं। उन्हें इंडस्ट्री में पैर जमाने में एक लंबा समय लग गया। लेकिन शेफाली ने कभी हिम्मत नहीं छोड़ी। उनका हमेशा कहना रहा कि देर आए दुरुस्त आए।शायद आपको याद होगा कि उन्हें दिल्ली क्राइमके दूसरे सीजन के लिए अंतर्राष्ट्रीय एमी नामांकन भी मिला था, जो अपने आप में एक बड़ी कामयाबी है।

कभी हार नहीं मानी

शेफाली के बारे में कहा जाता है कि वो साल 1993 से इस पेशे में काम कर रही हैं और उनके पास फिलहाल थिएटर, टीवी, फिल्म और ओटीटी जैसे सभी प्लेटफार्मों पर अच्छा खासा काम है। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब कहा जाता है कि शेफाली को काम के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। लेकिन ये एक्ट्रेस का बुलंद हौसला ही है, जो कभी हारा नहीं और आज वो एक सफल मुकाम पर हैं।

शेफाली का अभिनय आपने आलिया भट्ट के साथ फिल्म डार्लिंग्स‘, विद्या बालन के साथ जलसाऔर डिज्नी प्लस हॉटस्टार की सीरीज ह्यूमनमें तो देखा ही होगा लेकिन उनकी असल जिंदगी  दिल्ली क्राइमने बदली। यहां उन्हें खुलकर पहचान मिली और उनकी एक्टिंग को लोगों ने खूब सराहा भी। इस सीरीज पर शेफाली ने खासा मेहनत भी की थी। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि ये उनके दिल के बेहद करीब रही। क्योंकि वो भी सड़क पर इव टीजिंग का शिकार हो चुकी हैं।

पिता बैंकर और मां शोभा होम्योपैथिक डॉक्टर

शेफाली का जन्म 23 मई 1973 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता सुधाकर शेट्टी एक बैंकर थे और मां शोभा एक होम्योपैथिक डॉक्टर। शेफाली की स्कूलिंग आर्य विद्या मंदिर में हुई और उन्होंने कॉलेज मीठीबाई से किया। शेफाली को भारतनाट्यम में ट्रेनिंग लेने के अलावा पेंटिंग और सिंगिंग का भी बेहद शौक रहा है। खबरों की मानें तो शेफाली ने स्पेन के बार्सिलोना के एक आर्ट कॉलेज से मेटाफ़ोरा का कोर्स भी किया है। बताया जाता है कि शेफाली शाह ने गुजरात के अहमदाबाद में जलसा नाम से एक रेस्टोरेंट भी खोला है। इसका दूसरा आउटलेट बेंगलुरु में है। दोनों ही काफी फेमस है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शेफाली ने बनेगी अपनी बातसे छोटे पर्दे पर डेब्यू किया था। फिर आरोहण‘, ‘हर्सतें‘, ‘पतझड़‘, ‘कभी कभी‘, ‘सी हॉक्स‘, ‘राहें‘, ‘रामायणजैसे सीरियल्स किए। इस दौरान वह बीचबीच में फिल्में भी करने लगीं। उन्होंने 1995 में आई फिल्म रंगीलासे उन्होंने डेब्यू किया था। 1998 में शेफाली शाह ने राम गोपाल वर्मा की थ्रिलर फिल्म सत्यामें मनोज बाजपेयी की पत्नी का रोल निभाया। इनके किरदार की जमकर तारीफ हुई। उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए स्क्रीन अवॉर्ड भी मिला था। उन्होंने 1999 में गुजराती फिल्म Dariya Chhoru की। इसे विपुल शाह ने बनाई थी। शेफाली को इसके लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी मिला था। 

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