यामी गौतम धर की फिल्म ‘आर्टिकल ‘370’ शुक्रवार, 23 फरवरी को सिनेमा घरों में दस्तक दे रही है। इस फिल्म की कहानी जम्मू–कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे यानी संविधान के आर्टिकल 370 पर आधारित है। ये आर्टिकल 370 क्या था? ये संविधान में कैसे जुड़ा और इसे खत्म कैसे किया गया। इस पूरी पेचीदगी को फिल्म में आसान भाषा में समझाने की कोशिश की गई है।
ये फिल्म ऐसे समय में आई है, जब आम चुनाव के साथ ही जम्मू–कश्मीर के विधानसभा चुनावों में भी महज़ कुछ ही वक्त बचा है। फिल्म में यामी का किरदार एक कश्मीरी होने के साथ ही सुरक्षा बलों से जुड़ने का भी है। यामी एक लड़की हैं, जो अपनी वैली से आतंकवाद को खत्म कर अमन चाहती हैं। उनके अपने पिता भी आतंकवाद और बैंकिंग नेक्सेस के स्कैम को उजागर करते करते अपनी जान दे देते हैं।
यामी को मूवी में अपने सिर्फ अपने पिता के लिए इंसाफ नहीं चाहिए होता, बल्कि सभी घाटी वासियों के लिए सुकून भी चाहिए होता है। इसमें सबसे बड़ी अड़चन वहां की स्टेट पार्टीज को दिखाया गया है, जो लोगों को गुमराह करने के अलावा अलगाववादियों से भी संपर्क में होती हैं। फिल्म आपको इससे जुड़ी तमाम चुनौतियों के साथ ही कानूनी दांव–पेंच की बारीकियां भी समझाती है।
युवाओं के बहकाव और फिर अलगाव की कहानी
ध्यान रहे कि देश की संसद में 5 अगस्त 2029 को जब आर्टिकल 370 खत्म करने की घोषणा की गई थी। तब इस फैसले का एक व्यापक असर देखने को मिला था। मूवी में इस पर भी बात की गई है। साथ ही बुरहान वानी और घाटी के अन्य युवाओं के बहकाव और फिर अलगाव की कहानी को भी देश के सामने रखा गया है।
इस फिल्म की शरुआत बुरहान वानी की मौत से होती है, जो पूरी घाटी को अस्त–व्यस्त कर देती है। लोग बहकावे में सड़कों पर उतर आते हैं, कई तरीके के नारे लगते हैं। सुरक्षा बलों और घाटीवासियों के बीच झड़प में जाने तक चली जाती हैं। ये पूरा वाक्या आपको असल में मारे गए आतंकी बुरहान वानी की याद ताज़ा कर देता है।
फिल्म में पुलवामा की दर्दनाक घटना को भी दिखाया गया है, जहां 40 जवानों के कॉनवॉय पर हमला हुआ था। इस घटना के बाद कैसे सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक और फिर 370 को निरस्त करने का पूरा प्लान तैयार किया ये इस फिल्म का एक अहम हिस्सा है। इसमें 370 से जुड़े सभी प्रावधानों को आसानी से लोगों के सामने रखने के साथ ही इसके खत्म करने से पहले की तैयारी में भी आपकी दिलचस्पी बढ़ेगी।
आर्टिकल 370 के खत्म होने से वहां हुए सकारात्मक बदलावों की कहानी
फिल्म के आखिर में आपको कई मीडिया हेडलाइन्स भी देखने को मिलती हैं, जो आपको इस आर्टिकल 370 के खत्म होने से वहां हुए सकारात्मक बदलावों की कहानी को बताती हैं। कुल मिलाकर फिल्म में आपको महाराजा हरी सिंह की संधि से लेकर वर्तमान में कश्मीर की दशा का पूरा बैकग्राउंड समझने को मिलता है। कुछ ऐसे फैक्ट भी हैं, फिल्म में जिन पर कुछ आपत्ति भी दर्ज हो सकती है। लेकिन क्योंकि इस फिल्म के साफ डिस्क्लेमर दिया गया है कि ये काल्पनिक है इसे छूट मिल जाती है।
यामी गौतम की एक्टिंग फिल्म में बढ़िया है लेकिन आप कहीं न कहीं उनसे और बेहतर की उम्मीद कर बैठेंगे। उनके अलावा प्रिया मणि, अरुण गोविल और किरण करमाकर का काम देखकर आपको मज़ा आ जाएगा। ये फिल्म आपको जम्मू–कश्मीर और इसके स्पेशल स्टेटस को खत्म करने को लेकर वही नज़रिया देगी, जो साल 2019 से हमारी देश की नरेंद्र मोदी सरकार लोगों के सामने रखती आई है।
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