
लड़कियां प्यार चाहती हैं, लेकिन आज़ादी और आत्म-सम्मान की क़ीमत पर नहीं!
हम अक्सर सुनते हैं प्यार और जंग में सब जायज़ है, लेकिन ये सब किस हद तक जायज़ है ये कोई नहीं बताता। क्योंकि हमारे समाज में जायज़ की लोगों ने अपने-अपने हिसाब से परिभाषा बना रखी है। कोई कहता है अरे यार प्यार है और साथ रहना है, तो इतना तो एडजस्ट करना ही…