
औरतों के ‘घर के काम’ को मुफ्त क्यों समझा जाता है, इसका हिसाब कौन देगा?
“जिस दिन औरतें अपने श्रम का हिसाब मांगेंगी, उस दिन मानव इतिहास की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी चोरी पकड़ी जाएगी।” रोजा लक्जमबर्ग की ये पंक्तियां हमारे समाज की एक गंभीर सच्चाई को उज़ागर करती हैं, जहां महिलाओं के घरेलू श्रम को एकदम से नकार दिया जाता है। पूरा दिन घर के कामों में लगे…