Rose Day : इश्क़ लाल गुलाब से ही क्यों जाहिर किया जाता है?

कहते हैं लाल इश्क़ का रंग भी है और क्रांति का भी। क्योंकि इश्क और क्रांति दोनों एक–दूजे से कुछ यूं जुड़ी है मानो एक के बिना दूजा अधूरा। तभी तो देखिए न हमारे समाज में आज भी इश्क आसान नहीं है। सदियों पहले इस इश्क ने कई कुर्बानियां लीं। हीर–रांझा, लैला–मजनू, शिरीन–फरहाद, सोनी–माहीवाल ऐसे…

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