केरल हाई कोर्ट को क्यों कहना पड़ा की लड़कियां मां या सास की गुलाम नहीं?

एक रूढ़िवादी समाज में अक्सर औरतें पितृसत्ता की भेंट चढ़ जाती हैँ। उनके रहने, खानेे, पसंद, नापसंद सब पर उनके परिवार का दबाव होता है। उनके जीवन से जुड़े तमाम विचारों, उम्मीदों और अनेकों संभावनाओं को खोजने की बजाय उन्हेें कमजोर श्रेणी में ला कर उनके हर फैसले के लिए दूसरों पर आश्रित कर दिया…

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महिला आरक्षण बिल संसद से पास, लेकिन आगे क्या?

संसद के विशेष सत्र इस बार महिलाओं के लिए भी विशेष रहा। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों ने महिलाओं के आरक्षण बलि को मंजूरी दे दी है। अब ये बिल राज्य विधानसभाओं में जाएगा। जहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति के हस्क्षार के साथ ही ये कानून बन जाएगा। हालांकि इसके अमल का रास्ता…

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