महिलाओं के अनुकूल है पेंशन नियम का ये संशोधन, जानिए कैसे मिलेगी सुविधा

केंद्र की मोदी सरकार ने महिलाओं को एक और नया तोहफा दिया है। मोदी सरकार ने पेंशन नियमों में बदलाव कर महिलाओं को बड़ी राहत दी है। ये नई पेंशन नियमावली महिला कर्मचारियों को अपने पति के बजाय पारिवारिक पेंशन के लिए अपने बेटे या बेटी को नामित करने की अनुमति देती है। जिसे महिलाओं के लिए एक अहम कदम बताया जा रहा है।

आपको बता दें कि सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पहले मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के पति या पत्नी को ही पारिवारिक पेंशन दी जाती थी, जबकि परिवार के अन्य सदस्य पति या पत्नी की अयोग्यता या मृत्यु के बाद ही पेंशन के पात्र होते थे। लेकिन अब नए संशोधन के अनुसार महिला सरकारी कर्मचारियों या पेंशनभोगियों को अपने पति या पत्नी के स्थान पर अपने स्वयं के निधन के बाद अपने पात्र बच्चे/बच्चों को पारिवारिक पेंशन देने की अनुमति दी गई है।

केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 में संशोधन

केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह की ओर से इस संशोधन को लेकर कहा गया है कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 में एक संशोधन पेश किया है ये उन स्थितियों को संबोधित करेगा जहां वैवाहिक कलह के बाद घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम, दहेज निषेध अधिनियम या भारतीय दंड संहिता जैसे कानूनों के तहत तलाक की कार्यवाही चल रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तिकरण नीतियों को आगे बढ़ाते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि दूरगामी सामाजिकआर्थिक प्रभाव वाले एक पथप्रदर्शक निर्णय में और महिलाओं को समान अधिकार प्रदान करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने लंबे समय से स्थापित नियम में संशोधन किया हैसिंह ने कहा कि यह संशोधन प्रधानमंत्री मोदी की हर क्षेत्र में महिला पदाधिकारियों को उचित और वैध अधिकार देने की नीति के अनुरूप है।

कैसे मिलेगी ये सुविधा?

इस नए नियम का लाभ लेने के लिए महिला सरकारी कर्मचारियों या पेंशनभोगियों को संबंधित कार्यालय प्रमुख को लिखित अनुरोध करना होगा जिसमें यह जानकारी होगी कि कार्यवाही के दौरान उसकी मृत्यु होने की स्थिति में उसके पात्र बच्चे/बच्चों को पारिवारिक पेंशन दी जानी चाहिए। सरकारी बयान के अनुसार,अगर कार्यवाही के दौरान महिला सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाती है, तो उसी के अनुसार पारिवारिक पेंशन का वितरण किया जाएगा।

संशोधन के मुताबिक यदि किसी महिला कर्मचारी के परिवार में कोई ऐसा विधुर है और उसका कोई पात्र बच्चा नहीं है तो विधुर को पारिवारिक पेंशन देय होगी। हालांकि, यदि विधुर नाबालिग बच्चे या मानसिक विकार से पीड़ित बच्चे का अभिभावक है, तो पारिवारिक पेंशन विधुर को देय होगी, जब तक कि वह अभिभावक बना रहता है, बयान में कहा गया है कि एक बार जब बच्चा वयस्क हो जाता है और पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र हो जाता है, तो यह सीधे बच्चे को देय होगा।

गौरतलब है कि कामकाजी महिलाओं के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री की ओर से शासन में कई सुधार किए गए हैं। इसी कड़ी में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने भी केंद्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने और उन्हें पेशेवर के साथसाथ पारिवारिक जीवन के बीच संतुलन प्रदान करने के लिए ठोस प्रयास किए हैं। ये नया संशोधन भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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