देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी 2024 को लगातार छठा बजट पेश करेंगी। निर्मला ताई के नाम से मशहूर श्रीमती सीतारमण के नाम पहले भी रिकार्ड्स दर्ज हैं। वो मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रक्षा मंत्री का पद भी संभाल चुकी हैं। वो स्वतंत्र रूप से पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री बनी थीं। उनके बारे में यूं तो राजनीति में काफी कुछ सुनने को मिलता है, लेकिन ऐसी कई बातें हैं जिनसे शायद आप आज भी अंजान हों।
स्वभाव से सौम्य निर्मला सीतारमण का नाम बीजेपी के दिग्गज नेताओं की लिस्ट में शामिल है, जो पार्टी में उनकी स्थिति और मजबूत करता है। वो जब संसद में अपनी बात रखती हैं, तो विपक्षी दल भी उन्हें शांति से सुनने को मजबूर होते हैं। उनकी बातों पर कई बार हो–हल्ला होते देखा गया है, जिसे निर्मला ताई ने बड़ी संजीदगी से मैनेज भी किया है। ये उनका व्यक्तित्व ही है जो सबको चुप्पी साधने पर मजबूर कर देता है।
राजनीति की बात करें तो, निर्मला ताई भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रही हैं और साल 2003 से 2005 के दौरान वो राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या रह चुकी हैं। वो पुरुषों का वर्चस्व समझे जाने वाले वाणिज्य और उद्योग (स्वतंत्र प्रभार) तथा वित्त व कारपोरेट मामलों की राज्य मंत्री का पद भी संभाल चुकी हैं।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से की पढ़ाई
साधारण सी दिखने वाली सीतारमण का जन्म स्थल तमिलनाडु है, जो अक्सर उनके व्यक्तित्व में खुलकर देखने को मिलता है। उनका जन्म 18 अगस्त 1959 को मदुरै में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा भी यहीं हुई उसके बाद साल 1980 में उन्होंने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
एक साधारण से परिवार में जन्मी निर्मला सीतारमण का भविष्य बहुत उज्जवल था और इसलिए वो अपनी आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गईं। यहां उन्होंने प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विषय में एम फिल किया। यहां निर्मला सीतारमण को तालीम के साथ ही उनके जीवनसाथी डॉ. परकल प्रभाकर भी मिले। ऐसा कहा जाता है कि शादी के बाद दोनों लंदन शिफ्ट हो गए थे, फिर बेटी के जन्म के बाद वे भारत वापस आ गए और हैदराबाद में बस गए।
सीतारमण का सफर देश ही नहीं विदेश तक भी पहुंचा
खैर, निर्मला ताई का करियर प्राइस वॉटर हाउस कूपर्स के साथ सीनियर मैनेजर (रिसर्च एंड एनालिसिस) के तौर पर शुरू हुआ। खबरों की मानें तो बीबीसी वर्ल्ड के लिए भी उन्होंने कुछ समय काम किया है। श्रीमती सीतारमण का सफर देश ही नहीं विदेश तक भी पहुंचा और उन्होंने वहां लंदन में एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स एसोसिएशन में अर्थशास्त्री के सहायक के रूप में काम किया। भारत लौटने पर उन्होंने सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी स्टडीज में उप–निदेशक के रूप में भी काम किया है। ऐसा बताया जाता है कि वो अपने कॉरपोर्ट काम में भी एक सशक्त प्रोफेशनल थीं।
वैसे उनके परिवार के बारे में एक मजेदार बात ये कही जाती है कि निर्मला के पति प्रभाकर का झुकाव कांग्रेस की ओर था जबकि निर्मला भाजपा से आकर्षित थी। साल 2006 में निर्मला सीतारमण ने आधिकारिक तौर पर भाजपा का दामन थाम लिया और जल्द ही वो पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता बन गईं। 2014 में जब मोदी सरकार केंद की सत्ता पर काबिज हुई, तो बस इसके बाद निर्मला सीतारमण का कद पार्टी और राजनीति में बढ़ता ही गया।
निर्मला सीतारमण ने अपनी पर्सनल जिंदगी को हमेशा पर्सनल ही रखने की कोशिश की है। और शायद यही कारण है कि उनके बारे में ज्यादा जानकारी आपको पब्लिक स्पेस में मिलती नहीं है। हालांकि उनका राजनीतिक जीवन कई और महिलाओं और नेताओं के लिए प्रेरणा जरूर है।